नागौर में घूमने की जगहें- राजस्थान के मध्य-पश्चिम में स्थित नागौर, एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध शहर है, जो अपनी वीरता, स्थापत्य कला और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर कभी राजपूतों और मुगलों के बीच सत्ता संघर्ष का केंद्र रहा था और इसकी भव्य इमारतें, प्राचीन किले और दरगाहें इस समृद्ध इतिहास की गवाही देती हैं। नागौर का सबसे बड़ा आकर्षण नागौर किला है, जो अपनी मजबूत संरचना और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
इसके अलावा, यह शहर अमर सिंह राठौड़ की छतरी, तारकीन की दरगाह, कुचामन किला, खींवसर किला, नागौरी ढाबे, साल्ट लेक और विश्व प्रसिद्ध नागौर पशु मेले के लिए भी जाना जाता है। यहाँ की संस्कृति, हस्तशिल्प, भोजन और पर्यटन स्थल इसे एक अनोखा गंतव्य बनाते हैं।
1. नागौर किला
नागौर किला राजस्थान के सबसे भव्य और ऐतिहासिक किलों में से एक है, जो 12वीं शताब्दी में चौहान राजपूतों द्वारा बनवाया गया था। यह किला कई राजवंशों के अधीन रहा, जिसमें मुगलों और राजपूतों के शासनकाल की झलक मिलती है।
किले की दीवारें 30 फीट ऊँची हैं और इसके अंदर दीपक महल, अकबरी महल, रानी महल और हथी पोल जैसी भव्य संरचनाएँ स्थित हैं। यहाँ भित्ति चित्र, नक्काशीदार दरवाजे और विशाल जलाशय इसे एक अद्भुत ऐतिहासिक स्थल बनाते हैं।
- विशेष आकर्षण: दीपक महल, अकबरी महल, हथी पोल, राजपूती चित्रकला
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: ₹50 प्रति व्यक्ति
- कैसे पहुंचे: नागौर रेलवे स्टेशन से 3 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
2. तारकीन की दरगाह
तारकीन की दरगाह नागौर का सबसे प्रसिद्ध सूफी धार्मिक स्थल है, जो हजरत हमीदुद्दीन नागौरी की स्मृति में बनाया गया था।
यह दरगाह मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु चादर चढ़ाने और मन्नत माँगने आते हैं। यहाँ हर साल उर्स का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
- विशेष आकर्षण: भव्य दरगाह, सूफी संगीत, उर्स मेला
- खुलने का समय: सुबह 5:00 से रात 10:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: नागौर बस स्टैंड से 2 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: उर्स मेला (जनवरी-फरवरी)
3. अमर सिंह राठौड़ की छतरी
अमर सिंह राठौड़ नागौर के सबसे वीर योद्धाओं में से एक थे, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ वीरतापूर्ण युद्ध लड़ा था। उनकी स्मृति में बनी यह छतरी नागौर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में गिनी जाती है।
छतरी का निर्माण राजस्थानी वास्तुकला के अनुसार किया गया है और यहाँ के सुंदर नक्काशीदार स्तंभ तथा भित्ति चित्र इसे देखने लायक बनाते हैं।
- विशेष आकर्षण: राजस्थानी स्थापत्य कला, वीरता की कहानी
- खुलने का समय: सुबह 8:00 से शाम 7:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: नागौर किले के पास
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
4. कुचामन किला
कुचामन किला नागौर जिले का एक शानदार किला है, जिसे राजपूत शासकों ने बनवाया था। यह किला अब एक हेरिटेज होटल के रूप में संचालित होता है, जहाँ पर्यटक राजस्थानी शाही जीवनशैली का अनुभव कर सकते हैं।
किले के अंदर भव्य महल, शीश महल और राजस्थानी चित्रकला से सजी दीवारें हैं।
- विशेष आकर्षण: हेरिटेज होटल, शीश महल, राजपूत शैली की वास्तुकला
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क (होटल ठहरने के लिए शुल्क लागू)
- कैसे पहुंचे: नागौर से 40 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
5. नागौर पशु मेला
नागौर पशु मेला एशिया के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक है, जहाँ हर साल हजारों ऊँट, घोड़े, गायें और भैंसें खरीदी और बेची जाती हैं।
यह मेला नागौर के पारंपरिक हस्तशिल्प, लोक संगीत, नृत्य और ऊँट प्रतियोगिताओं के लिए प्रसिद्ध है।
- विशेष आकर्षण: पशु व्यापार, लोक संस्कृति, ऊँट नृत्य
- समय: हर साल जनवरी-फरवरी में
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: नागौर शहर में स्थित
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: मेला अवधि (जनवरी-फरवरी)
6. साल्ट लेक (सांभर झील)
नागौर के पास स्थित सांभर झील भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
यहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं और यह झील सूर्यास्त के समय बेहद सुंदर लगती है। नागौर में घूमने की जगहें अपनी समृद्ध विरासत, भव्य किलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- विशेष आकर्षण: प्रवासी पक्षी, खारे पानी की झील
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: नागौर से 60 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: मानसून और सर्दियों में
7. खींवसर किला
खींवसर किला एक ऐतिहासिक दुर्ग है, जो अब एक हेरिटेज होटल के रूप में कार्य करता है।
यहाँ की वास्तुकला और पुरानी शाही शानो-शौकत इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाती हैं। नागौर में घूमने की जगहें अपनी समृद्ध विरासत, भव्य किलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- विशेष आकर्षण: किला, हेरिटेज होटल
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क (होटल ठहरने के लिए शुल्क लागू)
- कैसे पहुंचे: नागौर से 45 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
8. कुचामन हवेली
नागौर जिले के प्रसिद्ध कुचामन किले के पास स्थित कुचामन हवेली राजस्थान की पारंपरिक वास्तुकला और समृद्ध राजपूती विरासत का एक शानदार उदाहरण है।
इस हवेली की भव्यता और इसमें बने जटिल भित्ति चित्र इसे एक अनूठा ऐतिहासिक स्थल बनाते हैं। हवेली की दीवारों पर राजस्थानी लोकजीवन, युद्ध के दृश्य और धार्मिक कथाओं को चित्रित किया गया है। कुचामन हवेली अब एक हेरिटेज होटल के रूप में भी कार्यरत है, जहाँ पर्यटक शाही जीवनशैली का अनुभव कर सकते हैं। नागौर में घूमने की जगहें अपनी समृद्ध विरासत, भव्य किलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- विशेष आकर्षण: राजस्थानी चित्रकला, भव्य स्थापत्य
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: ₹100 प्रति व्यक्ति
- कैसे पहुंचे: नागौर से 42 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
9. जैन ग्लास मंदिर
नागौर का जैन ग्लास मंदिर अपनी चमकदार शीशे की सजावट और जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर का पूरा इंटीरियर रंगीन कांच, शीशे और भव्य नक्काशीदार स्तंभों से सजा हुआ है। यह मंदिर जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों को समर्पित है और यहाँ उनकी सुंदर मूर्तियाँ स्थापित हैं। नागौर में घूमने की जगहें अपनी समृद्ध विरासत, भव्य किलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- विशेष आकर्षण: कांच की सजावट, भव्य मूर्तियाँ
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से रात 8:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: नागौर शहर में स्थित
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
10. तेजा जी मंदिर
राजस्थान के लोकदेवता वीर तेजा जी महाराज को समर्पित यह मंदिर नागौर के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
यह मंदिर नागौर जिले में बड़े श्रद्धा भाव से देखा जाता है और यहाँ हर साल भाद्रपद माह में विशाल मेला लगता है, जहाँ हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। नागौर में घूमने की जगहें अपनी समृद्ध विरासत, भव्य किलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- विशेष आकर्षण: वीर तेजा जी की मूर्ति, भव्य मेला
- खुलने का समय: सुबह 5:00 से रात 10:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: नागौर से 20 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: भाद्रपद माह
11. मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी भवन
यह नागौर का एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसे मुस्लिम शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए बनाया गया था।
यहाँ की शानदार इस्लामी वास्तुकला और ऐतिहासिक दस्तावेज इसे देखने लायक बनाते हैं। नागौर में घूमने की जगहें अपनी समृद्ध विरासत, भव्य किलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- विशेष आकर्षण: इस्लामी वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व
- खुलने का समय: सुबह 10:00 से शाम 5:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: नागौर शहर के अंदर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
12. नागौर की बावड़ियाँ
नागौर में कई प्राचीन बावड़ियाँ (सीढ़ीदार कुएँ) हैं, जो जल संरक्षण के पुराने तरीकों का बेहतरीन उदाहरण हैं।
इन बावड़ियों में जटिल नक्काशी और स्थापत्य कला देखने को मिलती है। नागौर में घूमने की जगहें अपनी समृद्ध विरासत, भव्य किलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- विशेष आकर्षण: प्राचीन जल संरचनाएँ, राजस्थानी वास्तुकला
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: नागौर शहर में स्थित
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: मानसून और सर्दियों में
13. श्री गोगाजी मंदिर
यह मंदिर नागौर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है, जो लोक देवता गोगाजी महाराज को समर्पित है।
यहाँ हर साल भाद्रपद माह में भव्य मेला लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। नागौर में घूमने की जगहें अपनी समृद्ध विरासत, भव्य किलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- विशेष आकर्षण: गोगाजी की मूर्ति, वार्षिक मेला
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से रात 9:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: नागौर से 25 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: भाद्रपद माह
14. मकराना मार्बल खदान
नागौर जिले का मकराना शहर विश्व प्रसिद्ध संगमरमर खदानों के लिए जाना जाता है।
यही संगमरमर ताजमहल, विक्टोरिया मेमोरियल और कई अन्य ऐतिहासिक इमारतों के निर्माण में उपयोग हुआ था। नागौर में घूमने की जगहें अपनी समृद्ध विरासत, भव्य किलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- विशेष आकर्षण: संगमरमर खदानें, विश्व धरोहर
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 5:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: नागौर से 50 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
नागौरी ढाबे और पारंपरिक व्यंजन
नागौर अपने नागौरी मावा, कचौरी और दाल बाटी चूरमा के लिए प्रसिद्ध है।
यहाँ के नागौरी ढाबे पारंपरिक राजस्थानी खाने का बेहतरीन अनुभव प्रदान करते हैं।
- विशेष आकर्षण: नागौरी मावा, पारंपरिक ढाबे
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से रात 11:00 तक
- कैसे पहुंचे: नागौर शहर में स्थित
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
निष्कर्ष
नागौर अपनी ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक स्थलों, राजपूती संस्कृति और लोक परंपराओं के लिए जाना जाता है। यह शहर अपने शानदार नागौर किले, कुचामन किले, तारकीन की दरगाह, वीर तेजा जी मंदिर, गोगाजी मंदिर और विश्व प्रसिद्ध नागौर पशु मेले के कारण पर्यटकों के लिए एक अद्भुत गंतव्य है।
अगर आप राजस्थान के अन्य ऐतिहासिक स्थलों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो पाली में घूमने की जगहें भी जरूर देखें, जहाँ भव्य किले, धार्मिक स्थल और प्राकृतिक सुंदरता आपका इंतजार कर रही है।
इसके अलावा, मकराना की संगमरमर खदानें, साल्ट लेक, प्राचीन बावड़ियाँ, जैन ग्लास मंदिर और नागौरी ढाबे इस शहर को और भी खास बनाते हैं। यहाँ आने वाले पर्यटक ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ राजस्थानी संस्कृति, पारंपरिक व्यंजन और लोक संगीत का भी आनंद उठा सकते हैं। नागौर में घूमने की जगहें अपनी समृद्ध विरासत, भव्य किलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
यदि आप राजस्थान के एक अनोखे और समृद्ध ऐतिहासिक नगर को करीब से देखना चाहते हैं, तो नागौर की यात्रा अवश्य करें। यहाँ की वास्तुकला, धार्मिक आस्था और लोकजीवन आपको एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा।
नागौर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन-सी है?
उत्तर: नागौर में कई शानदार पर्यटन स्थल हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध स्थानों में शामिल हैं:
नागौर किला – ऐतिहासिक युद्धों और राजस्थानी वास्तुकला का प्रतीक।
कुचामन किला – पहाड़ी पर स्थित भव्य किला, जिसमें संग्रहालय भी है।
तारकीन दरगाह – सूफी संत हजरत हामिदुद्दीन नागौरी की पवित्र दरगाह।
दीपक महल – नागौर किले के अंदर स्थित सुंदर ऐतिहासिक महल।
जैन मंदिर, कुचामन – प्राचीन जैन तीर्थ स्थल, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध
नागौर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय कौन-सा होता है?
उत्तर: नागौर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है।
अगर आप नागौर का प्रसिद्ध पशु मेला देखना चाहते हैं, तो जनवरी-फरवरी में यात्रा करें।
नागौर में घूमने के लिए कितने दिन का ट्रिप प्लान करना चाहिए?
उत्तर:
1 दिन का प्लान:
सुबह: नागौर किला और दीपक महल
दोपहर: तारकीन दरगाह और बड़ी दरगाह
शाम: लोकल बाजार और नागौरी मिठाइयों का आनंद
2 दिन का प्लान:
पहले दिन: नागौर किला, कुचामन किला, दीपक महल
दूसरे दिन: श्री जैन मंदिर, तारकीन दरगाह, पशु मेला ग्राउंड घूमना
3 दिन का प्लान:
पहले दो दिनों के प्लान के अलावा, करीबी रेगिस्तानी क्षेत्र में सफारी, स्थानीय हस्तशिल्प बाजारों का भ्रमण, और राजस्थानी लोक संगीत का आनंद लिया जा सकता है।
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