राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित जैसलमेर, जिसे “स्वर्ण नगरी” भी कहा जाता है, अपनी सुनहरी रेत, भव्य किलों, प्राचीन हवेलियों और राजस्थानी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर थार रेगिस्तान के किनारे बसा हुआ है और इसकी हरियाली की बजाय यहाँ के रेगिस्तानी परिदृश्य और सुनहरी वास्तुकला पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। जैसलमेर का किला, जो शहर के केंद्र में स्थित है, दुनिया के सबसे बड़े जीवित किलों में से एक है और यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। इसके अलावा, यहाँ कई शानदार हवेलियाँ, अद्भुत मंदिर, झीलें और रेगिस्तान में कैंपिंग एवं सफारी जैसी Jaisalmer me ghumne ki jagah हैं।
1. जैसलमेर किला (सोनार किला)
जैसलमेर किला, जिसे “सोनार किला” भी कहा जाता है, राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक किलों में से एक है। यह किला पीले बलुआ पत्थर से बना है और सूरज की रोशनी में यह स्वर्णिम आभा बिखेरता है।
1156 ईस्वी में राव जैसल द्वारा निर्मित यह किला दुनिया के उन कुछ किलों में से एक है जहाँ आज भी हजारों लोग निवास करते हैं। किले के भीतर कई मंदिर, हवेलियाँ, संग्रहालय, और बाज़ार स्थित हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं। पर्यटक यहाँ किले के प्राचीन गलियारों से गुजरते हुए ऐतिहासिक संस्कृति और वास्तुकला का अनुभव कर सकते हैं।
- विशेष आकर्षण: राजा का महल, जैन मंदिर, संकरी गलियाँ, किलाबंद बाजार
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹50, विदेशियों के लिए ₹250
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर रेलवे स्टेशन से 2 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
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2. पटवों की हवेली
पटवों की हवेली जैसलमेर की सबसे खूबसूरत और ऐतिहासिक हवेलियों में से एक है। यह पाँच अलग-अलग हवेलियों का समूह है, जिसे एक प्रसिद्ध व्यापारी गुमानचंद पटवा ने अपने पाँच बेटों के लिए बनवाया था।
यह हवेली अपनी बेहतरीन नक्काशी, विस्तृत झरोखों और भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के कमरों में रंगीन कांच के काम और लकड़ी पर की गई जटिल कारीगरी देखने लायक है। यह हवेली जैसलमेर की समृद्ध व्यापारिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है।
- विशेष आकर्षण: भव्य झरोखे, सुंदर भित्ति चित्र, ऐतिहासिक संग्रहालय
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 5:00 तक
- प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹100, विदेशियों के लिए ₹250
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर किले के पास स्थित
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
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3. सम सैंड ड्यून्स (रेगिस्तान सफारी)
जैसलमेर आने का असली मज़ा सम सैंड ड्यून्स में रेगिस्तानी सफारी का आनंद लेने में है। यह स्थान शहर से करीब 40 किमी दूर स्थित है और यहाँ पर पर्यटक ऊँट सफारी, जीप सफारी और रात में कैंपिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
सूर्यास्त के समय यहाँ का नज़ारा बेहद सुंदर होता है और शाम को आयोजित होने वाले राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य कार्यक्रम इस अनुभव को और भी यादगार बना देते हैं। यहाँ कई लक्ज़री टेंट्स उपलब्ध हैं, जहाँ एक रात बिताना किसी शाही अनुभव से कम नहीं लगता।
- विशेष आकर्षण: ऊँट सफारी, जीप सफारी, डेजर्ट कैंपिंग, सांस्कृतिक शो
- खुलने का समय: 24 घंटे
- प्रवेश शुल्क: सफारी और कैंपिंग पैकेज के अनुसार
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर से 40 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: नवंबर से फरवरी
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4. गड़ीसर झील
गड़ीसर झील जैसलमेर की सबसे सुंदर झीलों में से एक है, जिसे महाराजा गड़ी सिंह ने 14वीं शताब्दी में बनवाया था। यह झील कभी जैसलमेर के लिए प्रमुख जलस्रोत थी, लेकिन अब यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुकी है।
झील के किनारे सुंदर मंदिर और छतरियाँ बनी हुई हैं, जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ाती हैं। यहाँ बोटिंग करने का अनुभव बेहद खास होता है, खासकर सूर्यास्त के समय जब झील की सतह पर सुनहरी छटा बिखर जाती है।
- विशेष आकर्षण: बोटिंग, ऐतिहासिक मंदिर, शांत वातावरण
- खुलने का समय: सुबह 8:00 से शाम 8:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क (बोटिंग के लिए अलग शुल्क)
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर शहर के पास
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: मानसून और सर्दियों में
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5. तनोट माता मंदिर
तनोट माता मंदिर भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो 1965 और 1971 के युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की रक्षा करने के लिए जाना जाता है।
यह मंदिर ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा दागे गए कई गोले यहाँ गिरे लेकिन मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुँचा। यह मंदिर भारतीय सेना के संरक्षण में है और यहाँ दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
- विशेष आकर्षण: युद्धकालीन इतिहास, भव्य मंदिर
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से शाम 8:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर से 120 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
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6. खाबा किला
खाबा किला जैसलमेर के कम ज्ञात लेकिन ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह किला कभी पालीवाल ब्राह्मणों का समृद्ध गाँव हुआ करता था, लेकिन यह रहस्यमयी तरीके से वीरान हो गया और अब इसे “भूतिया गाँव” भी कहा जाता है।
यहाँ के खंडहर और पुरानी इमारतें पर्यटकों को रहस्य और इतिहास की झलक प्रदान करती हैं। किले की ऊँचाई से रेगिस्तानी परिदृश्य का मनमोहक दृश्य देखा जा सकता है। यह स्थान इतिहास प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए बेहद खास है।
- विशेष आकर्षण: खंडहर, रहस्यमयी गाँव, सुंदर दृश्य
- खुलने का समय: सुबह 8:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: ₹50 प्रति व्यक्ति
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर से 35 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
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7. कुलधरा गाँव
कुलधरा गाँव जैसलमेर का सबसे प्रसिद्ध रहस्यमयी गाँव है, जिसे “भूतिया गाँव” भी कहा जाता है। माना जाता है कि यहाँ 19वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मण रहते थे, लेकिन एक रात में पूरा गाँव खाली हो गया और तब से यह वीरान पड़ा है।
गाँव की गलियाँ, उजड़े मकान और रहस्यमयी कहानियाँ इसे रोमांच और एडवेंचर के शौकीनों के लिए आकर्षक बनाती हैं। यह स्थान इतिहास प्रेमियों के लिए भी खास है।
- विशेष आकर्षण: वीरान मकान, रहस्यमयी कहानियाँ
- खुलने का समय: सुबह 8:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: ₹50 प्रति व्यक्ति
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर से 17 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
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8. बैदा बाग
बैदा बाग जैसलमेर का एक ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ राजा महाराव लूणकरण के समय से लेकर राजपूत राजाओं की छतरियाँ (स्मारक) बनी हुई हैं।
यह स्थान अपनी सुंदर नक्काशीदार छतरियों और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से सूर्यास्त का दृश्य बेहद सुंदर लगता है।
- विशेष आकर्षण: राजपूत स्मारक, सुंदर सूर्यास्त
- खुलने का समय: सुबह 8:00 से शाम 7:00 तक
- प्रवेश शुल्क: ₹100 प्रति व्यक्ति
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर से 6 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सर्दियों में
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9. लोद्रवा जैन मंदिर
लोद्रवा जैन मंदिर जैसलमेर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है और इसकी भव्य वास्तुकला इसे खास बनाती है।
मंदिर की दीवारों पर की गई जटिल नक्काशी और विशाल गुम्बद पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यह मंदिर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
- विशेष आकर्षण: जटिल नक्काशी, शांत वातावरण
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से शाम 8:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर से 15 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
👉 अगर आप Jaisalmer me ghumne ki jagah खोज रहे हैं, तो लोद्रवा जैन मंदिर को जरूर देखें।
10. तनोट बॉर्डर (लॉन्गेवाला युद्ध स्मारक)
तनोट बॉर्डर और लॉन्गेवाला युद्ध स्मारक भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971) की वीर गाथा को दर्शाने वाला एक ऐतिहासिक स्थल है।
यहाँ भारतीय सेना द्वारा संचालित एक संग्रहालय है, जिसमें युद्धकालीन टैंक, हथियार और दस्तावेज़ प्रदर्शित किए गए हैं। यह स्थान देशभक्तों और इतिहास प्रेमियों के लिए एक शानदार अनुभव प्रदान करता है।
- विशेष आकर्षण: युद्ध स्मारक, भारतीय सेना का संग्रहालय
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर से 120 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: नवंबर से फरवरी
👉 अगर आप Jaisalmer me ghumne ki jagah खोज रहे हैं, तो तनोट बॉर्डर को जरूर देखें।
11. मंदिर पैलेस जैसलमेर
मंदिर पैलेस जैसलमेर का एक शानदार हेरिटेज होटल है, जो कभी यहाँ के राजाओं का निवास स्थान हुआ करता था।
यह महल अपने सुंदर आंतरिक सज्जा, ऐतिहासिक महत्व और राजस्थानी शैली की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटक यहाँ शाही आतिथ्य का अनुभव ले सकते हैं।
- विशेष आकर्षण: राजस्थानी शैली का महल, हेरिटेज होटल
- खुलने का समय: होटल में ठहरने के लिए बुकिंग आवश्यक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क (केवल बुकिंग पर प्रवेश)
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर किले के पास स्थित
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
👉 अगर आप Jaisalmer me ghumne ki jagah खोज रहे हैं, तो मंडिर पैलेस को जरूर देखें।
12. बंजरों का गाँव (डेजर्ट कैंपिंग)
यह स्थान उन पर्यटकों के लिए आदर्श है जो जैसलमेर के रेगिस्तान में पारंपरिक राजस्थानी कैंपिंग और सांस्कृतिक अनुभव लेना चाहते हैं।
यहाँ ऊँट सफारी, लोक नृत्य, संगीत, और पारंपरिक राजस्थानी भोजन का लुत्फ उठाया जा सकता है। यह स्थान रोमांच और आराम का बेहतरीन मेल है।
- विशेष आकर्षण: ऊँट सफारी, डेजर्ट कैंपिंग, राजस्थानी लोक संगीत
- खुलने का समय: 24 घंटे
- प्रवेश शुल्क: कैंपिंग पैकेज के अनुसार
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर से 35 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: नवंबर से फरवरी
👉 अगर आप Jaisalmer me ghumne ki jagah खोज रहे हैं, तो बंजरों का गाँव (डेजर्ट कैंपिंग) को जरूर देखें।
13. अकाल वुड फॉसिल पार्क
अकाल वुड फॉसिल पार्क जैसलमेर का एक अनोखा स्थल है, जहाँ 180 मिलियन साल पुराने पेड़ के जीवाश्म (फॉसिल) संरक्षित किए गए हैं। यह पार्क राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित है और यहाँ प्राचीन वनस्पतियों के अवशेषों को देखने का दुर्लभ अवसर मिलता है।
यह स्थान यह दर्शाता है कि कभी यह क्षेत्र हरा-भरा जंगल हुआ करता था, लेकिन समय के साथ जलवायु परिवर्तन और भौगोलिक बदलावों के कारण यह रेगिस्तान में तब्दील हो गया। यहाँ विभिन्न प्रकार की पाषाणीकृत लकड़ी (स्टोन वुड), जलीय जीवाश्म और प्राचीन भूगर्भीय संरचनाएँ देखने को मिलती हैं।
- विशेष आकर्षण: 180 मिलियन वर्ष पुराने पेड़ के जीवाश्म, भूगर्भीय महत्व
- खुलने का समय: सुबह 8:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: ₹20 प्रति व्यक्ति
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर से 17 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
👉 अगर आप Jaisalmer me ghumne ki jagah तलाश रहे हैं और भूगर्भीय इतिहास में रुचि रखते हैं, तो अकाल वुड फॉसिल पार्क अवश्य देखें।
14. जेसलमेर फोर्ट पैलेस म्यूजियम
यह संग्रहालय जैसलमेर किले के अंदर स्थित है और यहाँ जैसलमेर के इतिहास, राजाओं के शाही वस्त्र, हथियार और प्राचीन दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं।
यह संग्रहालय जैसलमेर की समृद्ध संस्कृति और विरासत को समझने के लिए आदर्श स्थान है।
- विशेष आकर्षण: प्राचीन हथियार, ऐतिहासिक दस्तावेज
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹100, विदेशियों के लिए ₹250
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर किले के अंदर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
👉 अगर आप Jaisalmer me ghumne ki jagah खोज रहे हैं, तो जेसलमेर फोर्ट पैलेस म्यूजियम को जरूर देखें।
15. टीलों की पाल
यह जैसलमेर का एक नया पर्यटन स्थल है, जहाँ पर्यटक शांत वातावरण में बैठकर रेगिस्तान का लुत्फ उठा सकते हैं।
यह स्थान फोटोशूट और फोटोग्राफी के लिए भी आदर्श है।
- विशेष आकर्षण: रेगिस्तानी दृश्य, शांत वातावरण
- खुलने का समय: 24 घंटे
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: जैसलमेर से 12 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
👉 अगर आप Jaisalmer me ghumne ki jagah खोज रहे हैं, तो टीलों की पाल को जरूर देखें।
स्थानीय बाजार और प्रसिद्ध व्यंजन
जैसलमेर के बाजार राजस्थानी हस्तशिल्प, कढ़ाईदार कपड़े, जूतियाँ और पारंपरिक आभूषणों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ के प्रमुख बाजारों में सदर बाजार, बाड़ा बाजार, मनक चौक बाजार और सोनार किला बाजार शामिल हैं।
खाने के शौकीनों के लिए जैसलमेर में केर सांगरी, गट्टे की सब्जी, मक्की की रोटी, दाल बाटी चूरमा और प्याज कचौरी जैसे पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन उपलब्ध हैं। मिठाइयों में घेवर और मोहनथाल यहाँ के प्रसिद्ध मीठे व्यंजन हैं।
निष्कर्ष
जैसलमेर अपनी सुनहरी रेत, ऐतिहासिक किलों, सुंदर झीलों और अद्भुत रेगिस्तानी अनुभव के कारण राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ का हर स्थान एक अनूठी कहानी कहता है और पर्यटकों को एक शाही अनुभव प्रदान करता है।
गर आप राजस्थान की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो भरतपुर में घूमने की जगह पर हमारा यह आर्टिकल जरूर पढ़ें, जहां आपको भीलवाड़ा के प्रमुख पर्यटन स्थलों की पूरी जानकारी मिलेगी।
जैसलमेर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें कौन-कौन सी हैं?
जैसलमेर में घूमने के लिए सोनार किला, पटवों की हवेली, सम सैंड ड्यून्स, गड़ीसर झील, और तनोट माता मंदिर प्रमुख स्थान हैं।
जैसलमेर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?
अक्टूबर से मार्च के बीच जैसलमेर घूमना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना रहता है।
जैसलमेर में रेगिस्तान सफारी कहाँ की जा सकती है?
जैसलमेर में सम सैंड ड्यून्स और खुरी ड्यून्स सबसे बेहतरीन रेगिस्तान सफारी के लिए प्रसिद्ध हैं।
जैसलमेर में कौन-कौन से एडवेंचर एक्टिविटीज उपलब्ध हैं?
यहाँ पर कैमल सफारी, जीप सफारी, पैरामोटरिंग, ड्यून बशिंग और कैंपिंग जैसी रोमांचक एक्टिविटीज का आनंद लिया जा सकता है।