राजस्थान के मालवा क्षेत्र में स्थित भीलवाड़ा, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, धार्मिक स्थल और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर अपनी समृद्ध संस्कृति, किलों, झीलों, मंदिरों और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है।
भीलवाड़ा में घूमने की जगहें के लिए बदनोर किला, मांडलगढ़ किला, पुर उड़न छतरी, आसींद, त्रिवेणी, स्मृति वन गार्डन, मांडल, नीलकंठ महादेव मंदिर, राम निवास धाम (शाहपुरा), हमीरगढ़ इको पार्क, जगन्नाथ कच्छवाहा की समाधि (बत्तीस खंभों की छतरी), मेजा गांव, क्यारा के बालाजी, माधव गौ विज्ञान अनुसंधान केन्द्र, हरनी महादेव, गायत्री शक्ति पीठ, धनोप माता जी सहित कई दर्शनीय स्थल हैं।
1. बदनोर किला
बदनोर किला भीलवाड़ा जिले का सबसे भव्य और ऐतिहासिक किला है, जिसे 17वीं शताब्दी में बनाया गया था।
यह किला अरावली की पहाड़ियों पर स्थित है और यहाँ से पूरे इलाके का शानदार नज़ारा दिखता है। किले के अंदर कई महल, जलाशय और मंदिर बने हुए हैं। यह स्थान इतिहास प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए आदर्श है।
- विशेष आकर्षण: राजस्थानी स्थापत्य कला, प्राचीन जलाशय
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 5:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 70 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
👉 अगर आप ऐतिहासिक स्थलों में रुचि रखते हैं, तो बदनोर किला आपके लिए एक बेहतरीन जगह है, जैसे कि अन्य ऐतिहासिक स्थलों की खोज में लोग भीलवाड़ा में घूमने की जगहें ढूंढते हैं।
2. मांडलगढ़ किला
मांडलगढ़ किला राजस्थान के ऐतिहासिक किलों में से एक है, जो अपनी भव्यता और युद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।
यह किला 14वीं शताब्दी में बना था और इसका उपयोग विभिन्न युद्धों में किया गया था। किले की दीवारें आज भी इसकी गौरवशाली कहानी बयां करती हैं। यहाँ से अरावली पर्वत श्रृंखला का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है।
- विशेष आकर्षण: प्राचीन वास्तुकला, पहाड़ी दृश्य
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 5:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 55 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सर्दियों में
👉 अगर आप ऐतिहासिक स्थलों के शौकीन हैं, तो मांडलगढ़ किला जरूर देखें। भीलवाड़ा में घूमने की जगहें में यह प्रमुख ऐतिहासिक किलों में गिना जाता है।
3. पुर उड़न छतरी
पुर उड़न छतरी एक ऐतिहासिक स्मारक है, जो अपनी अनूठी वास्तुकला और छतरियों की शैली के लिए जाना जाता है।
यह संरचना महाराजाओं की याद में बनाई गई थी और इसकी नक्काशीदार छतरियाँ राजस्थानी स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- विशेष आकर्षण: सुंदर नक्काशी, ऐतिहासिक स्थल
- खुलने का समय: सुबह 8:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा शहर के पास
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
👉 भीलवाड़ा में घूमने की जगहें में यह स्थान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।
4. आसींद
आसींद भीलवाड़ा जिले का एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक कस्बा है।
यहाँ भगवान परशुराम से जुड़े कई धार्मिक स्थल हैं और यह प्राचीन हिंदू संस्कृति का केंद्र माना जाता है।
- विशेष आकर्षण: प्राचीन मंदिर, धार्मिक आस्था
- खुलने का समय: 24 घंटे
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 50 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
👉 आसींद धार्मिक पर्यटकों के लिए एक बेहतरीन स्थल है और भीलवाड़ा में घूमने की जगहें में इसे अवश्य शामिल किया जाना चाहिए।
5. त्रिवेणी संगम
त्रिवेणी संगम वह स्थान है, जहाँ तीन नदियाँ – मेनाली, बड़च और बनास मिलती हैं।
यह स्थान धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ स्नान करने से आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।
- विशेष आकर्षण: धार्मिक संगम, आध्यात्मिक शांति
- खुलने का समय: 24 घंटे
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 30 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: मानसून
👉 अगर आप भीलवाड़ा में घूमने की जगहें की तरह धार्मिक स्थलों को पसंद करते हैं, तो त्रिवेणी संगम जरूर देखें।
6. स्मृति वन गार्डन
स्मृति वन गार्डन एक खूबसूरत वनस्पति उद्यान है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है।
यहाँ विभिन्न प्रकार के पौधे, हरे-भरे पेड़ और प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है।
- विशेष आकर्षण: हरियाली, शांत वातावरण
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा शहर में स्थित
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: मानसून और सर्दियाँ
👉 अगर आप भीलवाड़ा में घूमने की जगहें में प्राकृतिक स्थलों की खोज कर रहे हैं, तो यह स्थान आदर्श है।
7. मांडल
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित मांडल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कस्बा है।
यह कस्बा प्राचीन काल से ही विभिन्न राजवंशों के अधीन रहा है और यहाँ कई ऐतिहासिक धरोहरें देखने को मिलती हैं। मांडल अपने प्राचीन मंदिरों, बावड़ियों और राजपूती स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है। यहाँ कई पुराने किले और स्थापत्य अवशेष भी मिलते हैं, जो इसकी ऐतिहासिक महत्ता को दर्शाते हैं।
- विशेष आकर्षण: प्राचीन बावड़ियाँ, मंदिर, ऐतिहासिक संरचनाएँ
- खुलने का समय: 24 घंटे
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा शहर से 15 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
👉 अगर आप ऐतिहासिक स्थलों को पसंद करते हैं, तो मांडल जरूर जाएँ। भीलवाड़ा में घूमने की जगहें में यह एक महत्वपूर्ण स्थल है।
8. नीलकंठ महादेव मंदिर
नीलकंठ महादेव मंदिर भीलवाड़ा जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और यहाँ स्थित शिवलिंग स्वाभाविक रूप से जल से आच्छादित रहता है। मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी शैली की है और यहाँ महाशिवरात्रि के दौरान भारी संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं।
- विशेष आकर्षण: स्वयंभू शिवलिंग, धार्मिक आस्था
- खुलने का समय: सुबह 5:00 से रात 9:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 20 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: महाशिवरात्रि और सावन महीना
👉 भीलवाड़ा में घूमने की जगहें की सूची में यह मंदिर धार्मिक आस्था रखने वालों के लिए एक आदर्श स्थल है।
9. राम निवास धाम (शाहपुरा)
राम निवास धाम भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा क्षेत्र में स्थित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल है।
यह स्थान संत राम निवास जी की तपोभूमि मानी जाती है और यहाँ भजन-कीर्तन, ध्यान और धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। यहाँ का शांत वातावरण इसे ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए आदर्श स्थान बनाता है।
- विशेष आकर्षण: ध्यान केंद्र, भजन-कीर्तन
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से रात 8:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 30 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
👉 अगर आप भीलवाड़ा में घूमने की जगहें जैसी धार्मिक और आध्यात्मिक शांति की तलाश कर रहे हैं, तो राम निवास धाम जरूर जाएँ।
10. हमीरगढ़ इको पार्क
हमीरगढ़ इको पार्क भीलवाड़ा जिले में स्थित एक खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है, जो पर्यटकों को प्रकृति से जोड़ने का काम करता है।
यह स्थान वन्यजीव प्रेमियों और प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने वालों के लिए आदर्श है। यहाँ विभिन्न प्रकार के वृक्ष, जड़ी-बूटियाँ और पक्षी देखने को मिलते हैं।
- विशेष आकर्षण: हरियाली, प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीव
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 25 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: मानसून और सर्दियाँ
👉 अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो भीलवाड़ा में घूमने की जगहें में हमीरगढ़ इको पार्क जरूर देखें।
11. जगन्नाथ कच्छवाहा की समाधि (बत्तीस खंभों की छतरी)
बत्तीस खंभों की छतरी भीलवाड़ा के मांडल क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक है।
यहाँ महाराज जगन्नाथ कच्छवाहा की समाधि बनी हुई है, जो अपनी अनूठी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। स्मारक में 32 खंभे हैं, जिन पर खूबसूरत नक्काशी की गई है।
- विशेष आकर्षण: राजस्थानी स्थापत्य कला, ऐतिहासिक महत्व
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 20 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
👉 अगर आप भीलवाड़ा में घूमने की जगहें की ऐतिहासिक धरोहरों को देखना चाहते हैं, तो इस छतरी को जरूर देखें।
12. मेजा गांव
मेजा गांव भीलवाड़ा जिले का एक प्रमुख प्राकृतिक स्थल है, जो झील और हरियाली के लिए जाना जाता है।
यह गाँव एक सुंदर झील के किनारे बसा हुआ है, जहाँ पर्यटक पिकनिक और शांत वातावरण का आनंद लेने आते हैं।
- विशेष आकर्षण: झील, हरा-भरा वातावरण
- खुलने का समय: 24 घंटे
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 18 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: मानसून
13. क्यारा के बालाजी
क्यारा के बालाजी मंदिर हनुमान जी को समर्पित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।
यहाँ भक्तजन अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं और मंदिर का माहौल अत्यंत भक्तिमय रहता है।
- विशेष आकर्षण: हनुमान जी की मूर्ति, धार्मिक अनुष्ठान
- खुलने का समय: सुबह 5:00 से रात 10:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 22 किमी दूर
14. माधव गौ विज्ञान अनुसंधान केन्द्र
माधव गौ विज्ञान अनुसंधान केन्द्र भीलवाड़ा जिले में स्थित एक अनूठा संस्थान है, जो भारतीय गौवंश के संरक्षण और गौ-आधारित चिकित्सा पद्धतियों पर शोध करने के लिए प्रसिद्ध है।
यह केंद्र गौ चिकित्सा, जैविक खेती, पंचगव्य चिकित्सा और आयुर्वेदिक अनुसंधान के लिए जाना जाता है। यहाँ विभिन्न प्रकार की देसी गायों की नस्लें संरक्षित की जाती हैं और उनके उत्पादों से प्राकृतिक औषधियाँ तैयार की जाती हैं। यह स्थान जैविक खेती और प्राकृतिक चिकित्सा में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आदर्श है।
- विशेष आकर्षण: जैविक खेती, पंचगव्य चिकित्सा, गौशाला
- खुलने का समय: सुबह 8:00 से शाम 5:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 20 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
👉 अगर आप प्राकृतिक चिकित्सा और भारतीय परंपराओं में रुचि रखते हैं, तो यह स्थान आपके लिए खास रहेगा। भीलवाड़ा में घूमने की जगहें में यह एक अद्वितीय केंद्र है।
15. हरनी महादेव मंदिर
हरनी महादेव मंदिर भीलवाड़ा का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
यह मंदिर एक प्राकृतिक गुफा के अंदर स्थित है और इसका शिवलिंग स्वाभाविक रूप से जल से आच्छादित रहता है। यहाँ हर साल महाशिवरात्रि और सावन के महीने में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
- विशेष आकर्षण: प्राकृतिक गुफा, स्वयंभू शिवलिंग, भक्तिमय माहौल
- खुलने का समय: सुबह 5:00 से रात 9:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 10 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: महाशिवरात्रि और सावन महीना
👉 अगर आप भीलवाड़ा में घूमने की जगहें जैसी धार्मिक स्थलों की खोज में हैं, तो हरनी महादेव मंदिर जरूर जाएँ।
16. गायत्री शक्ति पीठ
गायत्री शक्ति पीठ भीलवाड़ा जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो गायत्री माता को समर्पित है।
यह मंदिर गायत्री मंत्र साधना, ध्यान और आध्यात्मिक शांति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ नियमित रूप से हवन-पूजन और धार्मिक प्रवचन होते रहते हैं।
- विशेष आकर्षण: आध्यात्मिक ऊर्जा, गायत्री साधना
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से रात 8:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 5 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: नवरात्रि और अन्य धार्मिक पर्व
👉 अगर आप ध्यान और साधना में रुचि रखते हैं, तो गायत्री शक्ति पीठ एक बेहतरीन स्थान है। भीलवाड़ा में घूमने की जगहें में यह स्थान आध्यात्मिक शांति के लिए प्रसिद्ध है।
17. धनोप माता जी मंदिर
धनोप माता जी मंदिर भीलवाड़ा जिले का एक प्रमुख शक्ति पीठ स्थल है, जो स्थानीय श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत पूजनीय है।
यह मंदिर माता धनोप देवी को समर्पित है और यहाँ हर साल विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें हजारों भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और यहाँ से आसपास की हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है।
- विशेष आकर्षण: माता धनोप देवी की मूर्ति, वार्षिक मेला
- खुलने का समय: सुबह 5:00 से रात 10:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: भीलवाड़ा से 30 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: नवरात्रि और अन्य धार्मिक पर्व
👉 अगर आप भीलवाड़ा में घूमने की जगहें जैसी धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की तलाश कर रहे हैं, तो धनोप माता जी मंदिर जरूर जाएँ।
निष्कर्ष
भीलवाड़ा में घूमने की जगहें ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों का अनूठा संगम हैं। यहाँ के किले, मंदिर, प्राकृतिक झरने और वन्यजीव अभयारण्य पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं।
गर आप राजस्थान के ऐतिहासिक स्थलों की सैर कर रहे हैं, तो बूंदी में घूमने की जगह पर हमारा यह आर्टिकल भी पढ़ें, जहां आपको किले, बावड़ियाँ और झीलों की अनूठी सुंदरता देखने को मिलेगी।
भीलवाड़ा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन-कौन सी हैं?
भीलवाड़ा में हरणी महादेव मंदिर, मांडलगढ़ किला, त्रिवेणी संगम, मेजा डैम और बड़लियास का जैन मंदिर जैसी जगहें घूमने लायक हैं।
भीलवाड़ा घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
अक्टूबर से मार्च के बीच का समय भीलवाड़ा घूमने के लिए सबसे उपयुक्त होता है, जब मौसम सुहावना रहता है।
भीलवाड़ा में कितने दिन रुकना चाहिए?
भीलवाड़ा की प्रमुख जगहों को घूमने के लिए 1-2 दिन का समय पर्याप्त होता है।
भीलवाड़ा में कौन-कौन से धार्मिक स्थल देखने लायक हैं?
भीलवाड़ा में हरणी महादेव, चारभुजा नाथ मंदिर, बड़लियास का जैन मंदिर और त्रिवेणी संगम प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।