डूंगरपुर में घूमने की जगहें, राजस्थान का एक छोटा लेकिन ऐतिहासिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध जिला है, जिसे “गढ़ों का शहर” भी कहा जाता है। अरावली पर्वतमाला के किनारे बसा यह शहर अपनी प्राचीन वास्तुकला, झीलों, हरे-भरे परिदृश्य और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। डूंगरपुर का नाम “डूंगरिया” भील प्रमुख के नाम पर पड़ा, जिसे महारावल वीर सिंह ने हराया था। यह शहर राजपूत और भील संस्कृति के अद्भुत संगम को प्रदर्शित करता है। यहाँ के किले, मंदिर और झीलें इसे राजस्थान के अन्य पर्यटन स्थलों से अलग पहचान दिलाते हैं।
1. उदय बिलास पैलेस
उदय बिलास पैलेस डूंगरपुर का सबसे शानदार महल है, जो अपनी भव्य वास्तुकला और झील के किनारे की सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह महल महाराज उदय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था और वर्तमान में एक हेरिटेज होटल के रूप में कार्य करता है।
इस महल की सबसे बड़ी खासियत इसकी जटिल नक्काशी, संगमरमर की बालकनियाँ और आकर्षक गुंबद हैं। महल का पिछला भाग गौरी झील से जुड़ा हुआ है, जिससे इसका दृश्य और भी आकर्षक लगता है। यहाँ से झील में सूर्यास्त का दृश्य देखने लायक होता है। महल का शांत वातावरण और इसकी ऐतिहासिक भव्यता इसे एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाते हैं।
- विशेष आकर्षण: संगमरमर की नक्काशी, झील का सुंदर दृश्य, हेरिटेज होटल
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 6:00 तक
- प्रवेश शुल्क: ₹100 प्रति व्यक्ति
- कैसे पहुंचे: डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से 2 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
2. गैब सागर झील
गैब सागर झील डूंगरपुर की सबसे खूबसूरत झीलों में से एक है। यह झील शहर के केंद्र में स्थित है और अपने शांत वातावरण के कारण पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थल है।
यह झील चारों ओर से अरावली पहाड़ियों से घिरी हुई है, जिससे इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है। झील के किनारे टहलते हुए सुकून का अनुभव किया जा सकता है। यहाँ बोटिंग की भी सुविधा उपलब्ध है, जो इसे और भी रोमांचक बनाती है। झील के पास स्थित बागीचे और खुले मैदान इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में भी लोकप्रिय बनाते हैं।
- विशेष आकर्षण: बोटिंग, हरी-भरी पहाड़ियाँ, शांत वातावरण
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से शाम 7:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से 3 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: मानसून और सर्दियों में
3. जूना महल
जूना महल, जिसे “पुराना महल” भी कहा जाता है, डूंगरपुर का एक ऐतिहासिक महल है, जिसे 13वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यह महल अपनी भित्ति चित्रों, शीशे की सजावट और सुंदर नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।
इस महल की दीवारों और छतों पर बारीक चित्रकारी की गई है, जो राजस्थान की पारंपरिक कला को दर्शाती है। महल के अंदर स्थित भव्य कक्ष और गलियारों को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कभी यहाँ कितनी समृद्धि रही होगी। यह स्थान इतिहास और कला प्रेमियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है।
- विशेष आकर्षण: भित्ति चित्र, शीश महल, ऐतिहासिक वास्तुकला
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 5:00 तक
- प्रवेश शुल्क: ₹50 प्रति व्यक्ति
- कैसे पहुंचे: डूंगरपुर से 4 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सर्दियों में
4. देवसोमनाथ मंदिर
देवसोमनाथ मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो सोम नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में बना था और अपने पत्थर की अद्भुत नक्काशी के लिए जाना जाता है।
मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसे बिना किसी चूने या सीमेंट के पत्थरों को जोड़कर बनाया गया है। इस मंदिर की वास्तुकला खजुराहो और दिलवाड़ा मंदिरों की याद दिलाती है। यहाँ की शांति और आध्यात्मिकता भक्तों और पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। डूंगरपुर में घूमने की जगहें अपने ऐतिहासिक स्थलों, प्राकृतिक सुंदरता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं, जो इसे हर यात्री की बकेट लिस्ट में शामिल करता है।
- विशेष आकर्षण: प्राचीन शिवलिंग, सोम नदी का किनारा, अद्भुत नक्काशी
- खुलने का समय: सुबह 5:00 से रात 9:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: डूंगरपुर से 20 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: महाशिवरात्रि और सावन के महीने में
5. बेनश्वर धाम
बेनश्वर धाम वागड़ क्षेत्र का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है। यह माही और सोम नदियों के संगम पर स्थित एक प्रमुख तीर्थस्थल है।
हर साल यहाँ भव्य मेला लगता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं। यहाँ के मुख्य मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और इसे स्थानीय आदिवासी समुदाय विशेष रूप से पूजनीय मानता है। डूंगरपुर में घूमने की जगहें अपने ऐतिहासिक स्थलों, प्राकृतिक सुंदरता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं, जो इसे हर यात्री की बकेट लिस्ट में शामिल करता है।
- विशेष आकर्षण: वार्षिक मेला, नदियों का संगम, विष्णु मंदिर
- खुलने का समय: सुबह 6:00 से रात 8:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: डूंगरपुर से 45 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: जनवरी-फरवरी (मेले के दौरान)
6. बादल महल, डूंगरपुर
बादल महल डूंगरपुर का एक भव्य ऐतिहासिक महल है, जो अपनी राजस्थानी और मुगल वास्तुकला के बेहतरीन संगम के लिए प्रसिद्ध है।
यह महल डूंगरपुर की गैब सागर झील के किनारे स्थित है और इसकी नक्काशीदार दीवारें, सुंदर मेहराबें और रंगीन काँच की खिड़कियाँ इसे एक अद्भुत दर्शनीय स्थल बनाती हैं। यहाँ से गैब सागर झील और आसपास की पहाड़ियों का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। डूंगरपुर में घूमने की जगहें अपने ऐतिहासिक स्थलों, प्राकृतिक सुंदरता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं, जो इसे हर यात्री की बकेट लिस्ट में शामिल करता है।
- विशेष आकर्षण: भव्य महल, झील का नज़ारा, पारंपरिक वास्तुकला
- खुलने का समय: सुबह 9:00 से शाम 5:00 तक
- प्रवेश शुल्क: ₹50 प्रति व्यक्ति
- कैसे पहुंचे: डूंगरपुर शहर के केंद्र में स्थित
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च
7. राजकीय पुरातत्व संग्रहालय, डूंगरपुर
राजकीय पुरातत्व संग्रहालय डूंगरपुर के समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए है।
यह संग्रहालय राजस्थान के राजपूत शासकों की बहुमूल्य कलाकृतियों, शिलालेखों, प्राचीन मूर्तियों और हथियारों का अद्भुत संग्रह प्रस्तुत करता है। यहाँ पौराणिक हिंदू और जैन मूर्तियाँ भी प्रदर्शित हैं, जो 6वीं से 12वीं शताब्दी के बीच की हैं। डूंगरपुर में घूमने की जगहें अपने ऐतिहासिक स्थलों, और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं, जो इसे हर यात्री की बकेट लिस्ट में शामिल करता है।
- विशेष आकर्षण: प्राचीन मूर्तियाँ, ऐतिहासिक हथियार, जैन और हिंदू कलाकृतियाँ
- खुलने का समय: सुबह 10:00 से शाम 5:00 तक (सोमवार को बंद)
- प्रवेश शुल्क: ₹20 प्रति व्यक्ति
- कैसे पहुंचे: डूंगरपुर शहर के मुख्य क्षेत्र में स्थित
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: सालभर
8. श्रीनाथ जी मंदिर, डूंगरपुर
श्रीनाथ जी मंदिर डूंगरपुर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप श्रीनाथ जी को समर्पित है।
मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था और इसे नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है। यहाँ की भव्य मूर्ति, पारंपरिक राजस्थानी चित्रकला और नक्काशी पर्यटकों और भक्तों को आकर्षित करती है। डूंगरपुर में घूमने की जगहें अपने ऐतिहासिक स्थलों, प्राकृतिक सुंदरता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं, जो इसे हर यात्री की बकेट लिस्ट में शामिल करता है।
- विशेष आकर्षण: श्रीनाथजी की भव्य मूर्ति, सुंदर नक्काशी
- खुलने का समय: सुबह 5:00 से रात 9:00 तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- कैसे पहुंचे: डूंगरपुर बस स्टैंड से 2 किमी दूर
- यात्रा का सबसे अच्छा समय: जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा
स्थानीय बाजार और प्रसिद्ध व्यंजन
डूंगरपुर के बाजार पारंपरिक राजस्थानी हस्तशिल्प, आदिवासी गहने और लकड़ी के नक्काशीदार सामान के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ के प्रमुख व्यंजनों में दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, मक्का की रोटी, और मूंग दाल हलवा शामिल हैं।
निष्कर्ष
डूंगरपुर अपने ऐतिहासिक महलों, धार्मिक स्थलों, झीलों और प्राकृतिक सुंदरता के कारण राजस्थान का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहाँ आने पर पर्यटक इतिहास, आध्यात्मिकता और प्रकृति का अद्भुत संगम देख सकते हैं।
अगर आप राजस्थान के अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो झुंझुनू में घूमने की जगहें भी जरूर देखें।
डूंगरपुर में घूमने की जगहें कौन-कौन सी हैं?
उदय बिलास पैलेस, गोविंद श्याम मंदिर, बनेश्वर धाम, जूना महल और गेप सागर झील डूंगरपुर की सबसे बेहतरीन घूमने की जगहें हैं।
डूंगरपुर में घूमने के लिए कितना समय चाहिए?
1-2 दिन में आप डूंगरपुर के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों को आराम से घूम सकते हैं।